Motivational Speech In Hindi | महात्मा गाँधी के विचार – Mahatma Gandhi Ke Vichar

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Motivational Speech In Hindi, महात्मा गाँधी के विचार
Motivational Speech In Hindi

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महात्मा गाँधी के विचार

महात्मा गाँधी एक अहिंसक व्यक्ति थे उन्हें किसी परिचय कि जरुरत नहीं है । हम सभी उन्हें राष्ट्रपिता के नाम से जानते है। उनका पूरा नाम मोहन दास करमचंद्र गाँधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर को परोबंदर में हुआ था।उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी एवं उनकी माता का नाम पुतलीबाई था। उनके पिता परोबंदर में दीवान थे।

Motivational Speech

महात्मा गाँधी के बिना हम आज़ादी सोच भी नहीं सकते है। वो अहिंसा में विश्वास करते थे। उन्होंने पूरी आजादी अहिंसा से ही ली।आज हम छोटी छोटी बातो पर हिंसा पर उतर जाते है और एक वह थे जो पूरी ज़िंदगी अहिंसा पे बिता दी चलिए आज  उनकी विचार को पढ़ते है।

महात्मा गाँधी के Motivational Speech:

  • आजादी Ka Koi अर्थ Nahi Hai यदि इसमें गलतियां Karne Ki आजादी शामिल Na हों।
  • डर शरीर Ka रोग Nahi Hai, यह आत्मा Ko मारता है।
  • Aise जिएं Ki जैसे Apko Kal मरना Hai Aur सीखें ऐसे जैसे Apko हमेशा जीवित रहना है।
  • आंख Ke बदले आंख Pure विश्व Ko अंधा Bana देगी।
  • Kisi Bhi स्वाभिमानी व्यक्ति Ke Liye सोने Ko बेड़ियां, लोहे Ki बेड़ियों Se कम कठोर Nahi होगी। चुभन धातु Main नहीं वरन् बेड़ियों Main होती है।

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  • निःशस्त्र अहिंसा Ki शक्ति Kisi Bhi परिस्थिति Main सशस्त्र शक्ति Se सर्वश्रेष्ठ होगी।
  • क्रूरता Ka उत्तर क्रूरता Se Dene Ka अर्थ अपने नैतिक Ve बौद्धिक पतन Ko स्वीकार Karna है।
  • प्रसन्नता Hi एकमात्र ऐसा इत्र Hai जिसे Aap दूसरों Par छिड़कते हैं To कुछ बूंदे आप पर Bhi पड़ती हैं |
  • Jo समय बचाते Hai, वे धन बचाते Hai Aur बचाया हुआ धन, कमाए Huye धन Ke बराबर है|
  • आप Apni विनम्रता Se पूरी दुनिया Ko हिला सकते हैं|
  • व्यक्ति Ki पहचान Uske कपड़ों Se नहीं Uske चरित्र Se होती है|
  • गरीबी हिंसा Ka Sabse Bura रूप है।

Motivational speech in hindi

  • एक स्त्री Ke Liye Uska चरित्र Aur पवित्रता ही सबसे Bada गहना है।
  •  शक्ति शारारिक क्षमता से नहीं आती बल्कि दृढ़ इच्छा शक्ति से आती है।
  • हमको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता एक महासागर के सामान है, यदि सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरे महासागर को गंदा नहीं कहा जा सकता।
  • हर उस एक पापी को क्षमा  किया जा सकता है, जो हृदय से पश्चाताप करे।